दीवाली पर प्रदूषण की बात करने वालो को चन्द पंक्तिया
त्यौहार हमारा है कैसे मनाये तुम बताने वाले कौन हो
प्रदूषण किससे फैलता है ये समझाने वाले तुम कौन हो ,
दीवाली आती नही की अपना ज्ञान बांटने लगते हो
अरे त्यौहार हमारा है हम बनायेगे तुम रोक लगाने वाले कौन हो ।
पर्यावरण की है चिंता सताती तो ए. सी. में रहना बन्द करो
ये दीवाली हमारा त्यौहार है कैसे मनाये ये भाषण देने बन्द करो ।
बन्द करो गाड़ियों में घूमना, पैदल चलना शुरू करो
नयी साल पर पटाखे फोड़ना ओर ईद मनाना बन्द करो
हम पर्यावरण के रक्षक रहे है सदियों से दुनिया जानती है
हम पटाखे नही जलाएंगे तुम बेजुबानो को काटना बन्द करो ।
ईद, मोहर्रम ये सब तुम्हारे धर्मिक मामला हो जाता है
होली ओर दीवाली पर पर्यावरण अचानक याद आ जाता है ।
कहाँ जाता है राष्ट प्रेम जब जल में खून बहाया जाता है
हम दूध चढ़ाते शिव पर तो हमारी आस्था पर चोट पहुँचाते हो ।
गरीब अनाथ बच्चो को तुम दूध देने की सलाह बताते हो
कितने ही विस्तर पर दम तोड़ रहे है बिना खून के पाने से
ओर तुम खून बहाते दिख रहे हो गली माहौल चौबारों से
आओ मिलकर के ये शपथ लेते है राष्ट प्रेम और पर्यावरण बचाने की ।
न कोई बच्चा मरे भूखा न मरे गरीब खून के कारण से
हम होली पर पानी बचाएंगे तुम खून बहाना बन्द करो
हम दीवाली पर न छोड़ेंगे तुम नई साल पर पटाखे फोड़ना बन्द करो ।
हम शिव का दूध बच्चो को देंगे तुम खून तो दान करो
हम सर्वस्य त्याग सकते है तुम राष्ट भक्त तो बनाना शुरू करो ।।

