कहीं मिले तो यह बात उससे कहना
अब कोई नहीं करता मुझसे बात उसे कहना
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अब कोई नहीं देखता चाँद को मेरे लिए
अब तनहा ही गुज़र जाती है रात उससे कहना
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अब नींद ने भी कर ली है हम से दुश्मनी
अब कोई नहीं जागता मेरे साथ उससे कहना
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अब दूर तक कोई साथी नज़र नहीं आता मुझे
तनहा ही गुज़र रही है यह जिंदगी उससे कहना
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ज़माने के साथ उसने भी हमें छोड़ दिया है
और बदल गए है वो सारे हालात उससे कहना..
Socha Na Tha
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October 11, 2017
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